Bad-Mazhabon ke Aqide
# अक़्ल ए देवबंद #
एक दिन देवबन्दी मोलवी अशरफ अली थानवी साहब कही जा रहे थे , रस्ते में गोबर पढ़ा हुआ मिला तो चेक करने लगे की ये क्या है??
गोबर में अपनी ऊँगली डाली और ऊँगली पर लिया और अपनी जुबान से लगा कर टेस्ट किया ! ( यानि की खा कर चेक किया )
और फिर फ़रमाया ये तो गोबर है फिर हजरत ने मुरीदो से कहा , अच्छा हुआ हमारा पाऊँ नहीं पढ़ा ये तो कमबख्त गोबर है !
[हवाला : सवानेह अशरफी , जिल्द - 3 , सफा न. 426 , पब्लिश - दारुलउलूम देवबंद , सहारनपुर ]
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