शजरए अलिय्या

           शजरए अलिय्या
हज़राते आलिया क़ादरिया रज़विया
रिदवानुल्लाही तआला अलैहिम अजमईन
             इला यौमिद्दीन

*या इलाहि रहम फ़रमा मुस्तफ़ा के वास्ते*
*या रसुलल्लाह करम कीजिए खुदा के वास्ते*

*मुशकिलें हल कर शहे मुश्किल कुशा के वास्ते*
*कर बलाएँ रद  शहीदे  करबला के वास्ते*

*सय्यिदे सज्जाद के सदक़े में साजिद रख मुझे इल्मे हक़ दे बाक़िरे इल्मे हुदा के वास्ते*

*सिदक़े सादिक़ का तसद्दुक़ सादिक़ुल इस्लाम कर बे गज़ब रज़ी हो काज़िम और रज़ा के वास्ते*

*बेहरे मअरुफो सरी मअरुफ दे बे खुद सरी जुन्दे हक में गिन जुनैेदे बा सफ़ा के वास्ते*

*बेहरे शिबली शेरे हक दुनिया के कुत्तों से बचा एक का रख अब्दे वाहिद बे रिया के वास्ते*

*बुल फ़रह का सदका कर ग़म को फ़रह दे हुस्नो सअद बुल हसन और बु सईदे सअदज़ा के वास्ते*

*क़ादरी कर क़ादरी रख क़ादरियों में उठा क़दे अब्दुल क़ादिरे क़ुदरत नुमा के वास्ते*

*अहसनल्लाहु लहु रिज़्क़न से दे रिज़्क़े हसन बन्दए रज़्ज़ाक़ ताजुल असफ़िया के वास्ते*

*नस्र अबी सालेह का सदक़ा सालेह व मन्सुर रख दे हयाते दीं मुहिय्ये जाँ फ़िज़ा के वास्ते*

*तुरे इर्फान व उलु व हम्द व हुस्ना व बहा दे अली मुसा हसन अहमद बहा के वास्ते*

*बेहरे इब्राहीम मुझ पर नारे ग़म ग़ुलज़ार कर भीक दे दाता भिकारी बादशाह के वास्ते*

*ख़ानए दिल को ज़िया दे रुए ईमाँ को जमाल शेह ज़िया मौला जमालुल औलिया के वास्ते*

*दे मोहम्मद के लीए रोज़ी कर अहमद के लीए ख़्वाने फ़ज़लुल्लाह से हिस्सा गदा के वास्ते*

*दीनो दुनिया के मुझे बरकात दे बरकात से इश्क़े हक़ दे इश्क़ीए इश्क़िन्तिमा के वास्ते*

*हुब्बे अहले बैत दे आले मोहंम्मद के लीए कर शहीदे इश्क़े हमज़ा पेशवा के वास्ते*

*दिल को अच्छा तन को सुथरा जान को पुर नुर कर अच्छे प्यारे शम्से दी बदरुल उला के वास्ते*

*दो जहाँ में ख़ादिमे आले रसुलुल्लाह कर हज़रते आले रसुले मुक़तदा के वास्ते*

*नुर जानो नुर ईमाँ नुर क़ब्रों हश्र दे बुल हुसैने अहमदे नुरी लिक़ा के वास्ते*

*कर अता अहमद रज़ाए अहमदे मुर्सल मुझे मेरे मौला हज़रते अहमद रज़ा के वास्ते*

*हामिदे मेहमुद और हम्मादे अहमद कर मुझे मेरे मौला हज़रते हामिद रज़ा के वास्ते*

*साया ए जुमला मशाइख़ या खुदा हम पर रहे रहेम फ़रमा  आले  रहमाँ मुस्तफ़ा के वास्ते*

*बेहरे इब्राहीम भी लुत्फो अताए ख़ास हो नुर की  सरकार से हिस्सा गदा के वास्ते*

*ऐ खुदा अख़्तर रज़ा को चर्ख पर इस्लाम के रख दरखशाँ हर घड़ी अपनी रज़ा के वास्ते*

सदक़ा इन अअयाँ का दे छेह ऐन इज़ इल्म व अमल अफ व इरफ़ाँ आफ़ियत इस बे नवा के वास्ते

         आमीन सुम्मा आमीन
मसलके आला हजरत जिन्दाबाद जिन्दाबाद
सरकार ताजुश्शरीया जिन्दाबाद जिन्दाबाद
          दुवा का तलबगार
     गुलामे सरकार ताजुश्शरीयः

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