पूरी जि़न्दगी के मसाइल का हल सिर्फ एक हदीसे पाक में
पूरी जि़न्दगी के मसाइल का हल सिर्फ एक हदीसे पाक मे ...
एक अरबी हुजूर अकरम सल्लल्लाहो अलैहि व सल्लम के दरबार मे हाजिर हुआ और अ़र्ज किया या रसूलल्लाह!
मै कुछ पूछना चहता हूँ! सरकार ने फरमाया कहो!
अर्ज किया; मै अमीर बनना चाहता हूँ
फरमाया; क़नाअत इखि्तयार करो अमीर हो जाओगे!
अर्ज किया; मै सबसे बडा आलिम बनना चाहता हूँ!
फरमाया; त़कवा इखितयार करो आलिम बन जाओगे!
अर्ज किया; इज्ज़त वाला बनना चाहता हूँ!
फरमाया; मख़लू़क के सामने हाथ फैलाना बन्द कर दो!
अर्ज किया; अच्छा आदमी बनना चाहता हूँ!
फरमाया; लोगों को फायदा पहुंचाओ!
अर्ज किया;आदिल बनना चाहता हूँ!
फरमाया; जिसे अपने लिये अच्छा समझते हो वही दूसरो के लिये पसंद करो!
अर्ज किया; ताक़तवर बनना चाहता हूँ!
फरमाया; अल्लाह पर तवक्कुल (भरोसा) करो!
अर्ज किया;अल्लाह के दरबार मे खास दर्जा चाहता हूँ!
फरमाया; कसरत से जिके् इलाही करो!
अर्ज किया; रिज्क़ मे कुशादगी चाहता हूँ!
फरमाया; हमेशा बावजू रहो!
अर्ज किया; दुआओ की क़बुलियत चाहता हूँ!
फरमाया; हराम न खाओ!
अर्ज किया; ईमान की तकमील चाहता हूँ!
फरमाया; अख्लाक अच्छे कर लो!
अर्ज किया; क़यामत के दिन अल्लाह से गुनाहो से पाक होकर मिलना चाहता हूँ!
फरमाया; ज़नाबत के फौरन बाद गुस्ल किया करो!
अर्ज किया; गुनाहो मे कमी चाहता हूँ!
फरमाया; कसरत से तौबा करो!
अर्ज किया; क़यामत के रोज नूर मे उठना चाहता हूँ!
फरमाया; जु़ल्म करना छोड दो!
अर्ज किया; मै चाहता हूँ! किअल्लाह मेरी पर्दापोशी करे!
फरमाया लोगों की पर्दापोशी करो!
अर्ज किया; रूस्वाई से बचना चाहता हूँ!
फरमाया; जि़ना से बचो!
अर्ज किया; चाहता हूँ अल्लाह और उसके रसूल का महबूब बन जाऊ!
फरमाया; जो अल्लाह और उसके रसूल का महबूब हो, उसे अपना महबूब बना लो!
अर्ज किया; अल्लाह का फरमाबरदार बनना चाहता हूँ!
फरमाया; फ़राइज़ का एहतिमाम करो!
अर्ज किया; एहसान करने वाला बनना चाहता हूँ!
फरमाया; अल्लाह की यूँ बन्दगी करो जैसे तुम उसे या वह तुम्हें देख रहा हो!
अर्ज किया; या रसूलल्लाह क्या चीज गुनाहो से माफी दिलायेगी!
फरमाया; अाँसू , आजिजी़ और बीमारी!
अर्ज किया; क्या चीज़ दोज़ख़ की अाग को ठन्डा करेगी!
फरमाया;दुनिया की मुसीबतो पर सर्ब!
अर्ज किया; अल्लाह के गुस्से को क्या चीज़ ठन्डा करेगी!
फरमाया; चुपके-चुपके सदक़ा और सिला रहमी!
अर्ज किया; सबसे बडी बुराई क्या है!
फरमाया; बुरे अख़लाक़ और बुख्ल(कंजुसी!)
अर्ज किया; सबसे बडी अच्छाई क्या है!
फरमाया; अच्छे अख़लाक़,तवज्जोह अौर सर्ब!
अर्ज किया; अल्लाह के गज़ब से बचना चाहता हूँ!
फरमाया; लोगों पर गुस्सा करना छोड दो!---------
इस हदीसे पाक के जरिये कुल मखलूक की मगफिरत फरमा!
व मेरे वालिदेन की सेहत अता फरमा उन के मेरे गुनाहो को बख्श दे!
अमीन सुम्मा अामीन..
जब तक यह हदीस फेलती रहे!
हमारी मगफिरत के दरवाजे खुलते रहेंगे।।।
एक अरबी हुजूर अकरम सल्लल्लाहो अलैहि व सल्लम के दरबार मे हाजिर हुआ और अ़र्ज किया या रसूलल्लाह!
मै कुछ पूछना चहता हूँ! सरकार ने फरमाया कहो!
अर्ज किया; मै अमीर बनना चाहता हूँ
फरमाया; क़नाअत इखि्तयार करो अमीर हो जाओगे!
अर्ज किया; मै सबसे बडा आलिम बनना चाहता हूँ!
फरमाया; त़कवा इखितयार करो आलिम बन जाओगे!
अर्ज किया; इज्ज़त वाला बनना चाहता हूँ!
फरमाया; मख़लू़क के सामने हाथ फैलाना बन्द कर दो!
अर्ज किया; अच्छा आदमी बनना चाहता हूँ!
फरमाया; लोगों को फायदा पहुंचाओ!
अर्ज किया;आदिल बनना चाहता हूँ!
फरमाया; जिसे अपने लिये अच्छा समझते हो वही दूसरो के लिये पसंद करो!
अर्ज किया; ताक़तवर बनना चाहता हूँ!
फरमाया; अल्लाह पर तवक्कुल (भरोसा) करो!
अर्ज किया;अल्लाह के दरबार मे खास दर्जा चाहता हूँ!
फरमाया; कसरत से जिके् इलाही करो!
अर्ज किया; रिज्क़ मे कुशादगी चाहता हूँ!
फरमाया; हमेशा बावजू रहो!
अर्ज किया; दुआओ की क़बुलियत चाहता हूँ!
फरमाया; हराम न खाओ!
अर्ज किया; ईमान की तकमील चाहता हूँ!
फरमाया; अख्लाक अच्छे कर लो!
अर्ज किया; क़यामत के दिन अल्लाह से गुनाहो से पाक होकर मिलना चाहता हूँ!
फरमाया; ज़नाबत के फौरन बाद गुस्ल किया करो!
अर्ज किया; गुनाहो मे कमी चाहता हूँ!
फरमाया; कसरत से तौबा करो!
अर्ज किया; क़यामत के रोज नूर मे उठना चाहता हूँ!
फरमाया; जु़ल्म करना छोड दो!
अर्ज किया; मै चाहता हूँ! किअल्लाह मेरी पर्दापोशी करे!
फरमाया लोगों की पर्दापोशी करो!
अर्ज किया; रूस्वाई से बचना चाहता हूँ!
फरमाया; जि़ना से बचो!
अर्ज किया; चाहता हूँ अल्लाह और उसके रसूल का महबूब बन जाऊ!
फरमाया; जो अल्लाह और उसके रसूल का महबूब हो, उसे अपना महबूब बना लो!
अर्ज किया; अल्लाह का फरमाबरदार बनना चाहता हूँ!
फरमाया; फ़राइज़ का एहतिमाम करो!
अर्ज किया; एहसान करने वाला बनना चाहता हूँ!
फरमाया; अल्लाह की यूँ बन्दगी करो जैसे तुम उसे या वह तुम्हें देख रहा हो!
अर्ज किया; या रसूलल्लाह क्या चीज गुनाहो से माफी दिलायेगी!
फरमाया; अाँसू , आजिजी़ और बीमारी!
अर्ज किया; क्या चीज़ दोज़ख़ की अाग को ठन्डा करेगी!
फरमाया;दुनिया की मुसीबतो पर सर्ब!
अर्ज किया; अल्लाह के गुस्से को क्या चीज़ ठन्डा करेगी!
फरमाया; चुपके-चुपके सदक़ा और सिला रहमी!
अर्ज किया; सबसे बडी बुराई क्या है!
फरमाया; बुरे अख़लाक़ और बुख्ल(कंजुसी!)
अर्ज किया; सबसे बडी अच्छाई क्या है!
फरमाया; अच्छे अख़लाक़,तवज्जोह अौर सर्ब!
अर्ज किया; अल्लाह के गज़ब से बचना चाहता हूँ!
फरमाया; लोगों पर गुस्सा करना छोड दो!---------
इस हदीसे पाक के जरिये कुल मखलूक की मगफिरत फरमा!
व मेरे वालिदेन की सेहत अता फरमा उन के मेरे गुनाहो को बख्श दे!
अमीन सुम्मा अामीन..
जब तक यह हदीस फेलती रहे!
हमारी मगफिरत के दरवाजे खुलते रहेंगे।।।
Nice
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