हज़रत खा़लिद बिन वलीद रज़ि अल्लाह ताला अन्हो का पैगा़म



मौत लिखी न हो तो मौत खुद जि़न्दगी की हिफाज़त करती है,।

 जब मौत मुकद्दर हो तो जि़न्दगी दौड़ती हुई मौत से लिपट जाती है,।

जि़न्दगी से ज़्यादा कोई जी नही सकता  । और मौत से पहले कोई मर नही सकता ।

दुनिया के बुज़दिलोँ को मैरा ये पैगा़म पहुँचा दो कि अगर मैदाने जँग मे मौत होती तो । इस खा़लिद बिन वलीद को मौत बिस्तर पर न आती

👑 हज़रत खा़लिद बिन वलीद रज़ि अल्लाह ताला अन्हो का पैगा़म 👑

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

Hazrat Ali ke Aqwaal

Waseela वसीला

Bina Farz ki adaaegi ke Nawafil qubool nahi